Friday, July 12, 2013

कुछ कही अनकही

किसी के नाजुक दिल को चाहो तो कुछ इस कदर चाहो
की उसकी चाहतो की किसी और की ज़रूरत ना हो
अपनी चाहतो को भर दो कुछ इस कदर उसके दिल में
की उसके दिल को किसी और दिल से मोह्हबत ना हो ..
_________________________________________( आलोक )