Saturday, December 15, 2012

कभी उनको था

कभी उनको था मेरी हर एक रूह का हिसाब 
आज उनके पास शायद अब वो वक़्त कहा है 
कहने को तो बहुत अपने है इस जंहा में 
पर सब के लिए प्यार के लिए वक़्त कहा है 
हा ये सच है चेहरे पे उदासी रहती है 
पर रोने के लिए किसी के पास वक़्त कहा है 
जीना हो तो जीना सिख लो अकेले ए "आलोक' 
अब इस दुनिया में किसी के लिए किसी के पास वक़्त कहा है 
............................. (स्वरचित ..आलोक पाण्डेय )

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