लिखने को तो बहुत कुछ था... पर नहीं लिखा... क्यूंकि वो हमेशा कहती थी तुम्हारी तो आँखे ही बोलती है... आज सोचता हू काश लिख ही देता तो "वो ख़त तो उसके साथ रहते..."
(¯`*•.¸❤ ♥►- alok .-◄♥ ❤¸.•*´¯)
‘आलोक ’ अपने आप से कब तक लड़ा करें
जो हो सके तो अपने भी हक़ में दुआ करें
दी है कसम उदास न रहने की तो बता
जब तू न हो तो ये हाल किससे बंया करे
Saturday, April 20, 2013
तेरे बिन भी जीवन कटेगा ,क्यों ये लगता नहीं है कभी
या ख़्वाब में मेरे चेहरे पर तेरी जुल्फों को झुकते देखा था ? तेरे बिन भी जीवन कटेगा ,क्यों ये लगता नहीं है कभी ?
बहुत सुंदर
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