आना तो बहुत चाहा ,पर आ न सका मै माँ
सोचा था हर बार के तरह दीवाली
तेरे संग -संग मनाऊंगा
इस पावन अवसर पे ,कुछ पल तेरे साथ बिताऊंगा
कंहा सुबह -2 तेरे हाथो के गरम रोटिया खाता
https://www.facebook.com/alok1984
सोचा था हर बार के तरह दीवाली
तेरे संग -संग मनाऊंगा
इस पावन अवसर पे ,कुछ पल तेरे साथ बिताऊंगा
कंहा सुबह -2 तेरे हाथो के गरम रोटिया खाता
आज कंहा बस पोहे ब्रेड से हु काम चलाता
सोचा था ,आऊंगा कुछ तेरे हाथो का खाऊंगा
इस दीवाली के बहाने तुझ से पापा से तो मिल पाउँगा
जब तेरे बिना मै नहीं ,तो तू मुझ बिन कैसे रह पायेगी
इस दीवाली पे आलू -गोभी की सब्जी किसे खिलाएगी
अब इस से ज़यादा कुछ न बोलूँगा
नहीं तो सच अब मै रो दूंगा ..
वैसे भी तू दूर कंहा ,है तेरी प्यारी तस्वीर यंहा
बस इस को गले लगाऊंगा ,
अब की बार दीवाली कुछ यू मनाऊंगा
माँ -पापा ...आप सब को दीवाली की हार्दिक सुभकामनाये ..नमन .....( आलोक पाण्डेय )
सोचा था ,आऊंगा कुछ तेरे हाथो का खाऊंगा
इस दीवाली के बहाने तुझ से पापा से तो मिल पाउँगा
जब तेरे बिना मै नहीं ,तो तू मुझ बिन कैसे रह पायेगी
इस दीवाली पे आलू -गोभी की सब्जी किसे खिलाएगी
अब इस से ज़यादा कुछ न बोलूँगा
नहीं तो सच अब मै रो दूंगा ..
वैसे भी तू दूर कंहा ,है तेरी प्यारी तस्वीर यंहा
बस इस को गले लगाऊंगा ,
अब की बार दीवाली कुछ यू मनाऊंगा
माँ -पापा ...आप सब को दीवाली की हार्दिक सुभकामनाये ..नमन .....( आलोक पाण्डेय )
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