Wednesday, January 16, 2013

टूटा सितारा देख कर उसे हम याद आयेंगे 
किसी का साथ जब छुटा उसे हम याद आयेंगे 
अभी तो उड़ रहा है चाहत के नए पर लेके 
उसका पर कभी टूटा उसे हम याद आयेंगे 
उसे जिस पे यकीं है इमान के हद तक 
वही निकल जो कल झूठा तो हम याद आयेंगे 
उसके अश्क पलकों से चुनेगा कौन फिर जाने ?
किसी सी वो कभी रूठा उसे हम याद आयेंगे 
मोह्हबत के सफ़र में हर कोई मुखलिस नहीं मिलता 
किसी राहजन ने जब लुटा उसे हम याद आयेंगे ..
क्यों पूछता है, मुझे क्या हुआ है
तू क्यों पूछता है, के मुझे क्या गम है
मैं कहता रहा हूँ, मैं कहता रहूँगा
मैं खुश हूँ, मेरी आँख ख़ुशी से ही नम है
वो चाहत थी मेरी, वो उल्फत थी मेरी
मेरे खुश होने की वजह क्या ये कम

‘आलोक ’ अपने आप से कब तक लड़ा करें          
जो हो सके तो अपने भी हक़ में दुआ करें
हम से ख़ता हुई है कि इंसान हैं हम भी
नाराज़ अपने आप से कब तक रहा करें
अपने हज़ार चेहरे हैं, सारे हैं दिलनशीं
किसके वफ़ा निभाएं हम किससे जफ़ा करें
नंबर मिलाया फ़ोन पर दीदार कर लिया
मिलना सहल हुआ है तो अक्सर मिला करें
तेरे सिवा तो अपना कोई हमज़ुबां नहीं
तेरे सिवा करें भी तो किस से ग़िला करें
दी है कसम उदास न रहने की तो बता
जब तू न हो तो ये हाल किससे बंया करे

Monday, January 7, 2013

इतना अनमोल था की खरीद ना सके कोई हमको 
हैरान हू की तेरे हाथो बिका तो बिका कैसे


चाहु तो एक निगाह में खरीद लू उसको ♥
जिसको नाज़ बहुत है की बिकता नहीं हु मै

हमें लिख कर कहीं महफूज़ कर लो,
तुम्हारी याददाश्त से निकलते जा रहे हैं हम...

उनसे नज़रें मिली थीं बस इतना याद है,
छोटी सी वारदात कहाँ से कहाँ ले गई मुझे.



Sunday, January 6, 2013

मै चाहता हु तेरी हर एक बात में मिलु ज़िन्दगी की तेरी हर धुप छाव में मिलु 
कुछ चाहता हु इस कदर मिल जाऊ तुझे तू दुड्ती फिरे मै तेरे प्यार के सौगात में मिलु 
तडपे हजारो दिल मेरे खातिर पर तुझे मै खैरात में मिलु 
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साथ मेरे वो हसती थी ,साथ मेरे वो रोती थी वो ऐसी थी हर पल मेरी सांसो में बसा करती थी 
पर हम हुए जुदा कुछ इस तरह वरना हमे अपना तकदीर वो कहा करती थी ..................
आलोक 


Saturday, January 5, 2013



हमने जो तुम्हे हँसना सिखाया था 
तुमने रुला दिया हमे हसने से पहले 
कैसे मै आता तुम्हारे पास 
तुमने मुझे रोक दिया चलने से पहले 
सोचा मिल के तुमसे कहूँगा कुछ 
तुमतो चल दिए कंही हमारे आने से पहले 
तुम्हारे सहारे जो चलता था मै 
आज गिर गया चलने से पहले 
जो दिये तुम्हारे संग जलाने चला था 
बुझ गए वो आज जलाने से पहले 
क्या यही था प्यार तुम्हारा 
टूट गया आज  बनने से पहले 
चला था "आलोक" ज़िन्दगी बनाने 
छीन गयी ज़िन्दगी जीने से पहले