किसी का साथ जब छुटा उसे हम याद आयेंगे
अभी तो उड़ रहा है चाहत के नए पर लेके
उसका पर कभी टूटा उसे हम याद आयेंगे
उसे जिस पे यकीं है इमान के हद तक
वही निकल जो कल झूठा तो हम याद आयेंगे
उसके अश्क पलकों से चुनेगा कौन फिर जाने ?
किसी सी वो कभी रूठा उसे हम याद आयेंगे
मोह्हबत के सफ़र में हर कोई मुखलिस नहीं मिलता
किसी राहजन ने जब लुटा उसे हम याद आयेंगे ..