बोलो तुम कब आओगी
मेरा आँगन तरस रहा तेरी पायल की नाज उठाने को
बोलो तुम कब आओगी इस जीवन को महकाने को
नीद जरा सी आती है आँखे बस तेरे ख्वाब सजाती है
मेरे सुनी बगिया की माली बोलो ना तुम कब आओगी
और बताओ कब तक मेरी रातो की नीद चुराओगी
बोलो ना तुम कब आओगी
__________________________________ ( आलोक पाण्डेय )
No comments:
Post a Comment