Friday, November 15, 2013

याद जब आती है

याद जब आती है तुम्हारी ज़रा सा रो लेते है
इन आँखों को अश्को से ज़रा धो लेते है

बात निकली है जुबा से तो दिल तक जायेगी
यही सोच के अक्सर रातो को हम सो लेते है

बड़ी शिद्दत से चाहा था तुम्हे अपना बनाने को
मगर तूने कह दिया एक दिन मुझको भुलाने को

इक पल में वादे टूट जायेंगे किस्मत रूठ जायेगी
तुझे अपना बनाने कि वो हसरत छूट जायेगी

मालूम ना था प्यार के रिस्ते कि डोर टूट जायेगी
जिसे हमने सबसे ज्यादा चाहा वही दिल तोड़ जायेगी

1 comment:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 16 नवम्बर 2019 को लिंक की जाएगी ....
    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

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