ये सदियो के फासले उस पे तेरा अजनबी बन के मिलना
तुम्हे क्या पता तुम्हे देखने से पहले जी भर के रोया था मै
------------------------------------------------------------
हा मुझे मिल गयी मेरी हर गुनाहो कि सजा
तेरे लिए सब कुछ खोया और तू भी ना मिली
------------------------------------------------------------
आंशु आँखों से बह रहे है तो कुछ तो ज़रूर हुआ होगा
हद से ज्यादा ख़ुशी मिली या अपना कोई रूठ गया होगा
_____________________________________
कितनी नाराज़गी थी तुझमे मुझसे रुख्सत के वक़्त
रोते -रोते तू मुझे अलविदा कहना भी भूल गयी
___________________________________
आलोक पाण्डेय
तुम्हे क्या पता तुम्हे देखने से पहले जी भर के रोया था मै
------------------------------------------------------------
हा मुझे मिल गयी मेरी हर गुनाहो कि सजा
तेरे लिए सब कुछ खोया और तू भी ना मिली
------------------------------------------------------------
आंशु आँखों से बह रहे है तो कुछ तो ज़रूर हुआ होगा
हद से ज्यादा ख़ुशी मिली या अपना कोई रूठ गया होगा
_____________________________________
कितनी नाराज़गी थी तुझमे मुझसे रुख्सत के वक़्त
रोते -रोते तू मुझे अलविदा कहना भी भूल गयी
___________________________________
आलोक पाण्डेय
No comments:
Post a Comment