बड़े इंतज़ार के बाद अब वो आलम आया
उनके आने का कोई तो पैगाम आया
बहुत दिनों से एक खलिश थी सीने में
चलो अच्छा हुआ दर्द का इलाज़ तो आया
कब से बैठा था मै एक तेरे इंतज़ार में
कम से कम वो इंतज़ार काम तो आया
इतने दिनों से ये दिल बेचैन था तेरे लिए
तेरे आने से इस दिल को आराम तो आया
ये इतने दिनों की दूरी का आलम ना पूछिये
जो शख्स मेरा था वक़्त पे लौट तो आया
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आलोक पाण्डेय
उनके आने का कोई तो पैगाम आया
बहुत दिनों से एक खलिश थी सीने में
चलो अच्छा हुआ दर्द का इलाज़ तो आया
कब से बैठा था मै एक तेरे इंतज़ार में
कम से कम वो इंतज़ार काम तो आया
इतने दिनों से ये दिल बेचैन था तेरे लिए
तेरे आने से इस दिल को आराम तो आया
ये इतने दिनों की दूरी का आलम ना पूछिये
जो शख्स मेरा था वक़्त पे लौट तो आया
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आलोक पाण्डेय
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