वो शख्स रूठा है बहुत दिनों से
बोलो आजमाना चाहिए
या मनाना चाहिए ?
मै कहता हु …
है अगर प्यार सच्चा तो
खुद ही हाथ बढ़ाना चाहिए
दूर रहने से बढ़ जाती दूरिया अक्सर
बैठ के शिकवे गीले मिटाना चाहिए
माना की लब खामोश है उसके
पर आँखे अक्सर बोलती है
सुना है मैंने
कभी कभी खुद को पाने के लिए
आँखों को भी पढ़ा जाना चाहिए
है प्यार दो दिलो के दरमियाँ अगर
तो रूठे हुए शख्स को लौट आना चाहिए
ना होता गर उसे प्यार तुझसे
तो रोती क्यों उसकी आँखे इतना
ये प्यार ही तो है
जो बरसो से लिपटी रही
तुझसे साये की तरह
माना हुई उससे कोई खता
तो हो जाओ खफा
पर कुछ लम्हों के बाद उसे करीब लाना चाहिए
सोचना कभी क्यों थे तुम दोनों
एक दूसरे के साथ ' आलोक '
शायद वो प्यार था
तुम्हे उसे वापस पाना चाहिए
वो शख्स कितना कीमती है तुम्हारे लिए
उसे हस के फिर से गले लगाना चाहिए
_________________________
आलोक पाण्डेय ( २४/०५/२०१४ )
बोलो आजमाना चाहिए
या मनाना चाहिए ?
मै कहता हु …
है अगर प्यार सच्चा तो
खुद ही हाथ बढ़ाना चाहिए
दूर रहने से बढ़ जाती दूरिया अक्सर
बैठ के शिकवे गीले मिटाना चाहिए
माना की लब खामोश है उसके
पर आँखे अक्सर बोलती है
सुना है मैंने
कभी कभी खुद को पाने के लिए
आँखों को भी पढ़ा जाना चाहिए
है प्यार दो दिलो के दरमियाँ अगर
तो रूठे हुए शख्स को लौट आना चाहिए
ना होता गर उसे प्यार तुझसे
तो रोती क्यों उसकी आँखे इतना
ये प्यार ही तो है
जो बरसो से लिपटी रही
तुझसे साये की तरह
माना हुई उससे कोई खता
तो हो जाओ खफा
पर कुछ लम्हों के बाद उसे करीब लाना चाहिए
सोचना कभी क्यों थे तुम दोनों
एक दूसरे के साथ ' आलोक '
शायद वो प्यार था
तुम्हे उसे वापस पाना चाहिए
वो शख्स कितना कीमती है तुम्हारे लिए
उसे हस के फिर से गले लगाना चाहिए
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आलोक पाण्डेय ( २४/०५/२०१४ )