हादसों की दुनिया में मैंने है सब कुछ पाया
बस नहीं मिला मुझको बस एक प्यार तुम्हारा
गलियो -गलियो ढूंढा तुझको सपने भी तेरे देखे
जाने कहा गयी तुम आया ना कोई खत दुबारा
एक तेरी खातिर मैंने जाने कितने अपने खोये
फिर भी ना हो पाया बस एक दीदार तुम्हारा
काबा गया काशी गया हर मंदिर पे टेका माथा
टूट गयी सारी उम्मीदे फिर नहीं हुआ विश्वास
जीवन के इस भाग दौड़ में क्या खोया क्या पाया
फिर भी दिल कहता है तू है यही कंही आस पास
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आलोक पाण्डेय
बस नहीं मिला मुझको बस एक प्यार तुम्हारा
गलियो -गलियो ढूंढा तुझको सपने भी तेरे देखे
जाने कहा गयी तुम आया ना कोई खत दुबारा
एक तेरी खातिर मैंने जाने कितने अपने खोये
फिर भी ना हो पाया बस एक दीदार तुम्हारा
काबा गया काशी गया हर मंदिर पे टेका माथा
टूट गयी सारी उम्मीदे फिर नहीं हुआ विश्वास
जीवन के इस भाग दौड़ में क्या खोया क्या पाया
फिर भी दिल कहता है तू है यही कंही आस पास
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आलोक पाण्डेय
आलोक जी मैं आपके ब्लॉक बहुत गहराई से पढता हूँ अक्सर मेरे दिल में एक ही बात आती है की कास एक बार आपसे मेरी बात हो जाती कास एक बार प्लीज अगर ऐसा हो सके तो मुझपर दया करना आलोक जी....8527004698
ReplyDeleteआलोक जी मैं आपके ब्लॉक बहुत गहराई से पढता हूँ अक्सर मेरे दिल में एक ही बात आती है की कास एक बार आपसे मेरी बात हो जाती कास एक बार प्लीज अगर ऐसा हो सके तो मुझपर दया करना आलोक जी....8527004698
ReplyDeleteधन्यवाद सर आप का आभार
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