लिखने को तो बहुत कुछ था... पर नहीं लिखा... क्यूंकि वो हमेशा कहती थी तुम्हारी तो आँखे ही बोलती है... आज सोचता हू काश लिख ही देता तो "वो ख़त तो उसके साथ रहते..."
(¯`*•.¸❤ ♥►- alok .-◄♥ ❤¸.•*´¯)
‘आलोक ’ अपने आप से कब तक लड़ा करें
जो हो सके तो अपने भी हक़ में दुआ करें
दी है कसम उदास न रहने की तो बता
जब तू न हो तो ये हाल किससे बंया करे
Saturday, September 13, 2014
परेशान ज़िन्दगी
औरो से क्या मिला मुझे उस का गम नहीं
है अपनों की वजह से परेशान ज़िन्दगी
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आलोक
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