सारे सपने अपने हो जायेंगे
तुम आओ तो एक बार सही
कुछ मीठी मीठी बाते होंगी
कुछ खट्टी मीठी यादे होंगी
हर खुशिया तब अपनी होंगी
तुम आओ तो एक बार सही
हर शाम सुहानी होगी तब
जब तुम करीब आ जाओगी
राते झिलमिल चाँद सितारे
खुशिया होंगी बस आँगन में
भूल के सारे शिकवे गिले
तुम आओ तो एक बार सही
मेरा मन जितना व्याकुल है
तुम भी उतनी है तड्पी होगी
एक लिए मिलन की आस पे
कैसे कितनी राते काटे होंगी
अब लौट भी आ तू ये हमदम
बिन तेरे है सब कुछ सुना सुना
एक नयी सुबह होगी फिर से
तुम आओ तो एक बार सही
____________________
@आलोक पाण्डेय
तुम आओ तो एक बार सही
कुछ मीठी मीठी बाते होंगी
कुछ खट्टी मीठी यादे होंगी
हर खुशिया तब अपनी होंगी
तुम आओ तो एक बार सही
हर शाम सुहानी होगी तब
जब तुम करीब आ जाओगी
राते झिलमिल चाँद सितारे
खुशिया होंगी बस आँगन में
भूल के सारे शिकवे गिले
तुम आओ तो एक बार सही
मेरा मन जितना व्याकुल है
तुम भी उतनी है तड्पी होगी
एक लिए मिलन की आस पे
कैसे कितनी राते काटे होंगी
अब लौट भी आ तू ये हमदम
बिन तेरे है सब कुछ सुना सुना
एक नयी सुबह होगी फिर से
तुम आओ तो एक बार सही
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@आलोक पाण्डेय
आलोक जी आपके लिखे गहरे शब्दों को पढ़कर मैं उन शब्दों में जैसे खो सा जाता हूँ मैं आपका ब्लॉक में आते ही रंगमंच जाती है दिलो के खालिपन जैसे भर जाते है बहुत अच्छा लिखते है आप जी करता है आपके ब्लॉक को खुला रखूँ शामें रात भर....
ReplyDeleteआलोक जी आपके लिखे गहरे शब्दों को पढ़कर मैं उन शब्दों में जैसे खो सा जाता हूँ मैं आपका ब्लॉक में आते ही रंगमंच जाती है दिलो के खालिपन जैसे भर जाते है बहुत अच्छा लिखते है आप जी करता है आपके ब्लॉक को खुला रखूँ शामें रात भर....
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