कब तक इन कुत्तो के भरोसे ये देश चलाओगे
आखिर कब तक
अपनी बहन बेटियों को घर में छुपाओगे
आखिर कब तक
कब तक बहन बेटियों के सपने टूट्ते देखोगे
आखिर कब तक
जब बहने ही ना होंगी राखी किस के साथ मनाओगे
जिन माँ ने जनम दिया ऊस माँ को कितना रुलाओगे
उठो लड़ो संघर्ष करो ,इन बलात्कारियो का विधव्नश करो
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