ये अलग -2 पंक्तिया मेरी कविताओ के कुछ हिस्से है :-
_____________________________________
- क्यों चाँद हँस रहा है क्यों मुस्करा रहे है सब तारे
कुछ दिन के साथ के बाद अपने भी कर लेते है किनारे
कभी हो जाते है सब अपने कभी हो जाते है सब बेगाने
क्यों ये अपनी छोटी सी ज़िन्दगी तलासती है सहारे ?
- हर गम सवाल में है ,हर ख़ुशी सवाल में है
हम क्यों नहीं समझ पाते प्रभु के ये इशारे
कभी हँसता हु मै बेवजह ,कभी रोता हु बार -बार
ना कोई खुशिया हुई हमारी ना कोई गम हुए हमारे
- मूंद के पलकों को खुद सुला देता हु मै
कास कोई इन अस्को को समझ पाता
तो रोती आँखों से भी मुस्करा जाता मै
कास मुझे खुद को बहलाना आ जाये
हर उम्मीद को पानी में बहा जाता
_______________________
मै बेवजह ही हमेशा उलझ सा जाता हु इन बातो में
शायद जवाब नहीं जिनके न पास मेरे न तुम्हारे___( आलोक )
______________________________
- क्यों चाँद हँस रहा है क्यों मुस्करा रहे है सब तारे
कुछ दिन के साथ के बाद अपने भी कर लेते है किनारे
कभी हो जाते है सब अपने कभी हो जाते है सब बेगाने
क्यों ये अपनी छोटी सी ज़िन्दगी तलासती है सहारे ?
- हर गम सवाल में है ,हर ख़ुशी सवाल में है
हम क्यों नहीं समझ पाते प्रभु के ये इशारे
कभी हँसता हु मै बेवजह ,कभी रोता हु बार -बार
ना कोई खुशिया हुई हमारी ना कोई गम हुए हमारे
- मूंद के पलकों को खुद सुला देता हु मै
कास कोई इन अस्को को समझ पाता
तो रोती आँखों से भी मुस्करा जाता मै
कास मुझे खुद को बहलाना आ जाये
हर उम्मीद को पानी में बहा जाता
_______________________
मै बेवजह ही हमेशा उलझ सा जाता हु इन बातो में
शायद जवाब नहीं जिनके न पास मेरे न तुम्हारे___( आलोक )
No comments:
Post a Comment