Friday, April 5, 2013

बस एक साथ तुम्हारा पाने को

मै छोड़ के सारे अपनों को 
तोड़ के सारे सपनो को 
दिल अपना ले की आई थी 
बस साथ तुम्हारा पाने को 

सबने रोक सबने टोका
ना कुछ सोचा ना कुछ समझा
सब पीछे भूल की आई थी
बस एक साथ तुम्हारा पाने को

वो भाई बहन का प्यारा रिश्ता
माँ की ममता का दुलारा रिश्ता
सब कुछ छोड़ के आई थी
बस एक साथ तुम्हारा पाने को

मै भी सबके आँखों का तारा थी
हसती और खिलखिलाती थी
अपना बचपन पीछे छोड़ आई थी
बस एक साथ तुम्हारा पाने को

अब तुम छोड़ ना देना साथ मेरा
बस हाथो में हो हाथ तेरा
जी लुंगी हर हाल में मै
एक साथ तुम्हारा पाने को

अब सब कुछ मेरा तेरा है
हर सुख दुःख तेरा अब मेरा है
अब नहीं चाहिए इस जीवन में कुछ
बस एक साथ तुम्हारा पाने को

मर भी जो मै जाउंगी तो
वापस एक दिन लौट के आउंगी
हर जनम में वापस आउंगी
बस एक साथ तुम्हारा पाने को
_________________________ ( आलोक )

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