अगर तू ना समझ है तो तुझे समझाना ज़रूरी है
जो दिल की बात है तेरी जुबा पे लाना ज़रूरी है
लुटा के आँख के प्यारे से अश्को के ये मोती
उसूलो पर जहा आच आए टकराना ज़रूरी है
मोह्हबत के सफ़र में तुमको कौन समझाए
कंहा से बच के चलना है कंहा जाना ज़रूरी है
परिंदे लौट के जब वापस अपनी साखो पे आये
तो डालो को थोडा सा लचक जाना ज़रूरी है
तुम्हारी झील सी आँखों में "आलोक " डूब तो जाये
गर मुह्हबत में कशिश हो थोड़ी तो शरमाना ज़रूरी है
अपनी प्यास को मेरे होंठो पे रख के अब बोलो
दुनिया के सफ़र में क्या अब भी कुछ पाना ज़रूरी है
________________________________ १ ७ /० ९ /२ ० १ ३ ( आलोक )
जो दिल की बात है तेरी जुबा पे लाना ज़रूरी है
लुटा के आँख के प्यारे से अश्को के ये मोती
उसूलो पर जहा आच आए टकराना ज़रूरी है
मोह्हबत के सफ़र में तुमको कौन समझाए
कंहा से बच के चलना है कंहा जाना ज़रूरी है
परिंदे लौट के जब वापस अपनी साखो पे आये
तो डालो को थोडा सा लचक जाना ज़रूरी है
तुम्हारी झील सी आँखों में "आलोक " डूब तो जाये
गर मुह्हबत में कशिश हो थोड़ी तो शरमाना ज़रूरी है
अपनी प्यास को मेरे होंठो पे रख के अब बोलो
दुनिया के सफ़र में क्या अब भी कुछ पाना ज़रूरी है
________________________________ १ ७ /० ९ /२ ० १ ३ ( आलोक )
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