दीप खुशियो का यु ही जलाते रहे
दीपमाला से घर को सजाते रहे
उत्सव है सबको गले से लगाने का
आप मुस्कराते रहे गीत गाते रहे
लाख तूफान आये बुझा ना सके
हौसलो को हमारे मिटा ना सके
लोग आते रहे लोग जाते रहे
दीप जलते रहे जगमगाते रहे
पड़े राह में कंही अँधियारा अगर
प्यार का एक दीपक जलाते रहे
उड़ गया आशिया आंधियो में मगर
चिड़िया फिर से खोसले बनाते रहे
देख के चेहरे कि ख़ुशी आप के
जी करता है हम भी मुस्कराते रहे
हो सके तो मिलो सबसे प्यार से
दीप उम्मीद का एक जलाते रहे
क्या भला क्या बुरा जो हुआ सो हुआ
लब सदा हमारे यु ही मुस्कराते रहे
भूल के आज आप सारे शिकवे गीले
मैल सारा दिलो का मिटाते रहे
जश्न है ये उम्मीद ,प्यार ,रौशनी का
इसे अपनों के साथ यु ही मनाते रहे
मेरे ही नहीं आप के जीवन में भी
दीप जलते रहे झिलमिलाते रहे
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