Saturday, November 2, 2013

दीपावली कि शुभकामनाये

दीप खुशियो का यु ही जलाते रहे दीपमाला से घर को सजाते रहे उत्सव है सबको गले से लगाने का आप मुस्कराते रहे गीत गाते रहे
लाख तूफान आये बुझा ना सके हौसलो को हमारे मिटा ना सके लोग आते रहे लोग जाते रहे दीप जलते रहे जगमगाते रहे
पड़े राह में कंही अँधियारा अगर प्यार का एक दीपक जलाते रहे उड़ गया आशिया आंधियो में मगर चिड़िया फिर से खोसले बनाते रहे
देख के चेहरे कि ख़ुशी आप के जी करता है हम भी मुस्कराते रहे हो सके तो मिलो सबसे प्यार से दीप उम्मीद का एक जलाते रहे
क्या भला क्या बुरा जो हुआ सो हुआ लब सदा हमारे यु ही मुस्कराते रहे भूल के आज आप सारे शिकवे गीले मैल सारा दिलो का मिटाते रहे
जश्न है ये उम्मीद ,प्यार ,रौशनी का इसे अपनों के साथ यु ही मनाते रहे मेरे ही नहीं आप के जीवन में भी दीप जलते रहे झिलमिलाते रहे

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