जहन में एक ख्याल है तू यही आस -पास है
हवा कि ये रागनी गीत तेरे ही गा रही
चिड़ियों को चहचाना पता तेरा बता रही
फूल मुस्करा रहे तारे जगमगा रहे
आँखे भी रातो में ख्वाब तेरे ही दिखा रही
बता ज़रा तू है कंहा किस रास्ते पे तू खड़ी
डगर ज़रा सी मोड़ लू तेरे संघ हो लू मै
लब तेरे कहेंगे नहीं दिल कि तेरी आरज़ू
सामने इक बार आ तेरी आँखों को पढ़ लू ज़रा
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www.facebook.com/alok1984 (आलोक पाण्डेय )
हवा कि ये रागनी गीत तेरे ही गा रही
चिड़ियों को चहचाना पता तेरा बता रही
फूल मुस्करा रहे तारे जगमगा रहे
आँखे भी रातो में ख्वाब तेरे ही दिखा रही
बता ज़रा तू है कंहा किस रास्ते पे तू खड़ी
डगर ज़रा सी मोड़ लू तेरे संघ हो लू मै
लब तेरे कहेंगे नहीं दिल कि तेरी आरज़ू
सामने इक बार आ तेरी आँखों को पढ़ लू ज़रा
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