Monday, March 31, 2014

आज हु खुश बहुत मै

ये ज़िन्दगी का कारवां कुछ युही चलता रहेगा
आने जाने का ये सिलसिला चलता रहेगा

रात कटती रहेगी हर नयी सुबह के इंतज़ार में
चेहरे पे सुख -दुःख का सिलसिला चलता रहेगा

सुख जाएँगी नदिया और जंहा के सारी दरिया
पर आँख से बहते पानी का सिलसिला चलता रहेगा

परिंदे दूर तलक कितना भी उड़ के जाये गगन में
जमी पे लौट के आने का सिलसिला चलता रहेगा

आज हु खुश बहुत मै मिल गयी मेरी मंज़िल मुझे
जाने कब तक ये खुशियो का सिलसिला चलता रहेगा
____________________________________ ( आलोक पाण्डेय )

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