Friday, August 22, 2014

छोटी सी ज़िन्दगी

इस छोटी सी ज़िन्दगी में लगा है आना जाना
कुछ ख्वाब टूटे तो कुछ ख्वाबो का संवर जाना

कभी -२  मचलता है ये मन कुछ पाने की चाह में
और कभी लगता है सब कुछ. यु ही छोड़ जाना

इस तरन्नुम में तो खिलते है  बहुत से गुलाब
कुछ मंदिर पहुंचे तो कुछ का पैरो से कुचल जाना

बहुत सवांरा , बहुत कोशिस की बने रहे हम यु ही
पर शायद किस्मत में लिखा था रिस्तो का टूट जाना

आँखे नम थी थोड़ा ठहरा रुका तेरा इंतज़ार किया
पर तुझको तो आता था वादा करके मुकर जाना

बरसो बाद तुझे याद आई मेरी हाल पूछा जो मेरा
मैंने भी सिख लिया जो तुम्हे भूले उसे तुम भूल जाना..

______________________________( आलोक पाण्डेय )
https://www.facebook.com/alok1984

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