लिखने को तो बहुत कुछ था... पर नहीं लिखा... क्यूंकि वो हमेशा कहती थी तुम्हारी तो आँखे ही बोलती है... आज सोचता हू काश लिख ही देता तो "वो ख़त तो उसके साथ रहते..." (¯`*•.¸❤ ♥►- alok .-◄♥ ❤¸.•*´¯) ‘आलोक ’ अपने आप से कब तक लड़ा करें जो हो सके तो अपने भी हक़ में दुआ करें दी है कसम उदास न रहने की तो बता जब तू न हो तो ये हाल किससे बंया करे
Friday, August 16, 2013
आप का काम था मुस्कराना मुस्कराते रहे
आप का काम था मुस्कराना मुस्कराते रहे
आप आते रहे हम बुलाते रहे
आप दुनिया की भीड़ में गुम हो गए
हम आप के हाथो का कंगन घुमाते रहे
आप की आदत थी सदियों से सताने की हमे
हमको आदत थी मुस्कराने की मुस्कराते रहे
आप आओगे लौट के एक दिन
इस धोखे में हम भी पलके बिछाते रहे
ख्वाब मंजिल का कुछ पता ही ना था
सपनो में रोज तुम्हे हम सुलाते रहे
रूठने मानाने के इस खेल में
आप रूठे रहे हम मानते रहे
आप की खामोशिया बन गयी सदा के लिए
आलोक खुशियों आप के लिए सजाते रहे
दुःख ,दर्द ,तपन जो कुछ भी मिला आप से
सब हम अपने गले से लगाते रहे
_____________________ १ ६ /० ८ /२ ० १ ३ ( आलोक )
वन्दे मातरम
( कुछ पंक्तिया मेरी कविता की )
अगर लड़ना ही है
तो आजा आमना सामना करले
यू कायर बन
ना छुप -छुप कर वार ( पाकिस्तान )
_____________
बहनों के सिंदूर छीन
माताओ के लाल
तू कायर है तू कायर था
जो छिप -२ करता वार
______________
अब की बार जो युद्ध हुआ
नामो निसा मिटा देंगे
अपनी भारत माता का
क्षेत्रफल हम और बढ़ा देंगे
_____________
कुछ तो शर्म करो नेताओ
कब तक मोल लगाओ गे
जिन माँ के बेटे हुए शहीद
क्या उनके बेटे उन्हें लौटा पाओगे
______________
कुछ विदेशी ताकते बदल -२ के रास्ते
जाल हम पे बुन रही ,वार हमपे कर रही
उठो बढ़ो सब सही ,बना के एक टोलिया
दाग दो अब दुश्मनों के सर पे कुछ गोलिया
_____________
अब ये समय नहीं है सोने का
ना वक़्त बचा अब रोने का
गोलियों की बोलिया ,गोलियों में दे ज़रा
नहीं तो कल की पीढि़यां, न चढ़ सकेंगी सीढि़या
__________
विधवाओ .माताओ के आसुवों में
तू बह जायेगा ' पाकिस्तान '
एक दिन तेरा सीना चिर उसपे लिख देंगे हिंदुस्तान
________________________ आलोक ( वन्दे मातरम )
अगर लड़ना ही है
तो आजा आमना सामना करले
यू कायर बन
ना छुप -छुप कर वार ( पाकिस्तान )
_____________
बहनों के सिंदूर छीन
माताओ के लाल
तू कायर है तू कायर था
जो छिप -२ करता वार
______________
अब की बार जो युद्ध हुआ
नामो निसा मिटा देंगे
अपनी भारत माता का
क्षेत्रफल हम और बढ़ा देंगे
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कुछ तो शर्म करो नेताओ
कब तक मोल लगाओ गे
जिन माँ के बेटे हुए शहीद
क्या उनके बेटे उन्हें लौटा पाओगे
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कुछ विदेशी ताकते बदल -२ के रास्ते
जाल हम पे बुन रही ,वार हमपे कर रही
उठो बढ़ो सब सही ,बना के एक टोलिया
दाग दो अब दुश्मनों के सर पे कुछ गोलिया
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अब ये समय नहीं है सोने का
ना वक़्त बचा अब रोने का
गोलियों की बोलिया ,गोलियों में दे ज़रा
नहीं तो कल की पीढि़यां, न चढ़ सकेंगी सीढि़या
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विधवाओ .माताओ के आसुवों में
तू बह जायेगा ' पाकिस्तान '
एक दिन तेरा सीना चिर उसपे लिख देंगे हिंदुस्तान
________________________ आलोक ( वन्दे मातरम )
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